भूत वाली कहानी Can Be Fun For Anyone

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छोड़ दे मुझे माफ़ करदे "। मैं हात जोड़कर रोते हुवे उसे कहता रहा और हल्के से उस अनदेखी ताकत ने मेरे शरीर से अपने को हतालिया और फिरसे शरीर हल्का होगया।

मुखिया : आज से तुम लोग वहां नहीं खेलोगे और अब से कोई भी कुएं के पास नहीं जाएगा.. चलो सब अभी सोनू को देख कर आते हैं..

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जब वे दौड़कर वहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि वहाँ पर उनका बेटा नहीं था।

जब गौरब घर के पास पहुँचा, तब उसे बहुत ठंड लग रही थी। घर बिखरा हुआ था, जिसमें टूटे हुए खिड़कियाँ थीं और एक दरवाजा था, जो खोलने पर जोर से आवाज करता था। गौरब सबधाणी से दरवाजा खोला और घर में दाखिल हुआ।

गुरु जी अपने भूतिया चेलो के पास जाते है और सारी बात बताते है। अब दुगुना राशन पहलवान के घर पहुंचाना होगा, इस पर इस बात पर सभी चेले सिर पीट कर रह जाते है।

सभी भूत पहलवान से पीपल के पेड़ को हटाने का कारण पूछते हैं। 

इसके बाद से, गाँववाले भूतों के साथ दोस्ती करने लगे और हर साल वहां मेला आयोजित किया जाता था जिसमें सभी एक साथ मिलकर मस्ती करते थे। राज ने यह सिखा कि किसी चीज़ से डरने से पहले, हमें उसे अच्छे से समझना चाहिए। डर वास्तव में कभी-कभी हमारी अनजानी में ही होता है, और जब हम उससे निपट लेते हैं, तो हम अच्छे दोस्त बना सकते हैं।

यह देखकर मैं सकपका गया। मेरे रौंगटे खड़े हो गये और मैं बस यहीं सोच रहा था कि अगर ये यहाँ है तो वहाँ नीचे कौन है?

एक बार किसी दूसरे गांव का एक ब्राह्मण और एक हमाम किसी विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें मोहन मिल गया। मोहन ने ब्राह्मण को देखा तो उसने दोनों को अपने पास बुलाते हुए कहा कि आप तो मुझे ज्ञानी नजर आते हो, बताइए मेरी शादी कब और कहां होगी? इस तरह पहलवान का सवाल सुनकर दोनों ठिठक गए। हमाम काफी चतुर था उसने सोचा कि अगर हम इससे बहस करेंगे तो इसके बल के आगे हमारा कोई मुकाबला नहीं। हमाम को एक तरकीब सूझी और उसमे दूर एक ताड़ के पेड़ की ओर उंगली से इशारा करते हुए कहा कि आपकी शादी वहीं होगी। हमाम की बात सुनकर मोहन फूला नहीं समाया और प्रसन्न होकर उसने अपनी पांचों भैंसें दोनों को दान में दे दी और ताड़ के पेड़ की दिशा में चल पड़ा।

दोनों ने अपनी रूचि से सौंदर्य बढ़ाते हुए रात के अंधेरे में घर की ओर बढ़ते हुए अपनी बातचीत की। घर की छत पर बैठे एक आदमी ने उनको देखा और मुस्कराते हुए कहा, “तुम लोग क्या ढूंढ़ रहे हो?”

मां ने उसकी बातों पर बिल्कुल गौर नहीं किया और उस बात को हंसी में टाल दिया। कुछ ही देर में वो अपनी बेटी के मामा यानी अपने भाई के घर पहुंच गई। एक-दो दिन बाद मामा जी के घर के आसपास ही बच्ची के अंदर घुसी मोहिनी को अपनी पड़ोसन सिमरन दिखी। उसने जोर से उसे नाम से पुकारा।

राजू ने उससे सोने की कहानी सुनने के लिए कहा, और बच्चा ने धीरे-धीरे सोने लगा। सभी बच्चे हैरान थे कि भूत की बजाय एक छोटा सा बच्चा कैसे वहाँ रो रहा था।

लोग उसे देखकर डर जाते व उसके सवाल का जवाब न दे पाते थे। इस पर मोहन उनके साथ मारपीट किया करता था, जिसके चलते लोगों ने उस रास्ते से ही गुजरना बंद कर दिया website था।

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